Mp News: मध्यप्रदेश में नौकरी की तलाश में गांव हो रहे खाली,
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गावं हो रहे है खाली क्योकि शहरों में लगातार बढ़ता जा रहा पलायन
मध्य प्रदेश के कई जिलों में नौकरी पाने के लिए लोग अपने गांव से लोग शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं क्योंकि ग्रामीण(Rural) में नौकरी न पाने के कारण वह कहीं दूर जाकर किसी शहर(some city) में नौकरी करने लिए भटक रहे हैं आज के हमारे युवाको(to the youth) को इतना कष्ट में जिंदगी हो गई है की अगर घर में खेतीबाड़ी(farming) है तो वह सब काम मशीनों द्वारा किया जा रहा है जिले के 1100 से अधिक गांवों के लोग रोजगार(employment) की तलाश में बड़े शहरों और अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कई गांवों(villages) से हर परिवार का कोई न कोई सदस्य शहर पलायन कर गया है। कहा गया है कि जाने का कारण रोजगार(employment) की कमी, बुनियादी सुविधाओं का अभाव और कृषि में कमी है। सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरत मंदों तक नहीं पहुंच रहा है, जिससे बेरोजगारी के कारण शिक्षित युवा भी गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव(Village) में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को मशीनों से भुगतान किया जा रहा है।
मजदूर न मिलाने से खेती में हुआ बड़ा असर,
जो किस Village में टिके हुए हैं उन किसानों को मजदूरी के लिए आदमी मिलना हो गया है बड़ी मुश्किल, क्योंकि गांव के सभी नागरिक शहर(civil city) की ओर पलायन कर रहे हैं हर परिवार(Family) का एक या दो सदस्य शहर में जाकर नौकरी कर रहे हैं वे भी मजदूरों की कमी से परेशान हैं। इसका खेती, पशुपालन और अन्य पारंपरिक व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शहरी क्षेत्रों(urban areas) में भी मजदूरों की कमी है। मशीन से चलने वाला काम मनरेगा ग्रामीण रोजगार(rural employment) का सबसे बड़ा माध्यम है, लेकिन इसमें लगातार मनमानी और घोटाले होते रहते हैं। मजदूरों को रोजगार देने के बजाय उन्हें मशीनों(machines) से काम कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इसकी शिकायत जिला पंचायत व मनरेगा अधिकारियों(officials) से की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।